Rich Dad Poor Dad: अमीर और गरीब पिताओं की सीख





Book Review of “Rich Dad Poor Dad – 20Th Anniversary Edition – Hindi”

रिच डैड पूअर डैड – 20वीं वर्षगांठ संस्करण

Rich Dad Poor Dad - 20Th Anniversary Edition - Hindi-Robert Kiyosaki

क्या आपने कभी सोचा है कि धन के प्रति आपकी सोच आपके जीवन को कैसे आकार देती है? ठीक यही प्रश्न हमें “रिच डैड पूअर डैड” पढ़ते समय चिंतन में डाल देता है। यह किताब वास्तव में केवल धन तपता नहीं है, बल्कि यह हमें सिखाता है कि धन का सही प्रबंधन और निवेश कैसे किया जाए। लेखक, रॉबर्ट कियोसाकी, एक प्रतिष्ठित वित्तीय प्रवक्ता और उद्यमी हैं, जिन्होंने अपने विचारों से लाखों लोगों की सोच को प्रभावित किया है। आइए, इस किताब के माध्यम से उनकी यात्रा पर एक नज़र डालते हैं।

कहानी का सारांश

“रिच डैड पूअर डैड” में रॉबर्ट अपनी दो विभिन्न पिता के अनुभवों का सामना करते हैं। एक डैड, जो एक उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं और पारंपरिक तरीके से विचार करते हैं, वहीं दूसरा डैड जो व्यवसायिक रूप से सफल है और वित्तीय स्वतंत्रता का प्रतीक। इस किताब में कियोसाकी अपने बचपन के अनुभव साझा करते हैं जो हमें यह समझाते हैं कि धन और शिक्षा की अवधारणा कितनी अलग हो सकती है। प्रायोगिक दृष्टिकोण से भरपूर, यह किताब निश्चित रूप से हमें सिखाती है कि हमें अपने वित्त को कैसे समझदारी से प्रबंधित करना चाहिए।

मुख्य पात्रों का परिचय

इस किताब के मुख्य पात्रों में हमें “रिच डैड” और “पूअर डैड” के रूप में दो व्यक्तित्व सामने आते हैं। रिच डैड, रॉबर्ट के एक मित्र के पिता हैं, जो व्यवसायिक दृष्टिकोण से धन को कमाने के तरीकों को समझाते हैं और हमें सिखाते हैं कि पैसे के लिए काम करने की बजाय हमें पैसे को अपने लिए काम पर लगाना चाहिए। वहीं, पूअर डैड, रॉबर्ट के अपने पिता हैं, जो उच्च ज्ञान और शिक्षा के महत्व को समझाते हैं। हालांकि वह धन कमाने के पारंपरिक तरीके पर विश्वास करते हैं। दोनों पात्रों के विचार और दृष्टिकोण हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में आर्थिक सोच कितनी महत्वपूर्ण है।

लेखन शैली और भाषा

रॉबर्ट कियोसाकी की लेखन शैली बेहद सरल लेकिन प्रभावशील है। वह अपनी बातों को स्पष्टता और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करते हैं, जिससे पाठक आसानी से समझ सकता है कि वह किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। उनकी भाषा सांस्कृतिक रूप में समृद्ध है, जो भारतीय पाठकों को भी सही तरीके से संबोधित करती है। यह उनकी लिखाई को और भी आकर्षक बनाती है। किताब के कई हिस्सों में व्यावहारिक उदाहरण और कहानियाँ शामिल हैं, जो कहानी को जीवंत बनाते हैं। वास्तव में, उनका सरल लेकिन सशक्त तर्क पाठक को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करता है।

क्या ख़ास है इस किताब में?

“रिच डैड पूअर डैड” वास्तव में विशेष है क्योंकि यह केवल आर्थिक नैतिकता पर चर्चा नहीं करता, बल्कि यह हमें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने के लिए भी प्रेरित करता है। इस किताब में जो मुख्य विचार सामने आता है, वह यह है कि अमीर बनने के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत करना ही नहीं, बल्कि सही सोच और सही निर्णय लेना ज़रूरी है। यह हमें सिखाता है कि आर्थिक शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है, और कैसे हम अपनी सोच को बदलकर अपने आर्थिक भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।

व्यक्तिगत अनुभव और पसंदीदा हिस्सा

जब मैंने किताब का पहला अध्याय पढ़ा, तो मैंने तुरंत ही महसूस किया कि इसमें क्या खास है। मेरा पसंदीदा हिस्सा वह था जब रॉबर्ट अपने रिच डैड के साथ पैसे के बारे में चर्चा करते हैं और वह कहते हैं, “पैसे दौड़ाते हैं, शिक्षा काम नहीं करती।” यह वाक्य मेरे लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया। इसने मुझे यह सीखने के लिए प्रेरित किया कि मैं भी अपनी आर्थिक स्थिरता के लिए बेहतर कदम उठा सकता हूँ। और हां, यह लेखन शैली और दृष्टिकोण ने तो पूरे अनुभव को और भी बेहतर बना दिया!

किसे पढ़ने की सिफारिश?

यदि आप किसी ऐसे पाठक हैं जो वित्तीय स्वतंत्रता में रुचि रखते हैं, या फिर यदि आप सोचते हैं कि धन के बारे में आपकी सोच को बदलने की आवश्यकता है, तो यह किताब आपके लिए एकदम सही है। चाहे आप छात्र हों, युवा पेशेवर हों या फिर किसी उद्यमी गतिविधि में संलग्न हों, यह किताब आपको वित्तीय दृष्टिकोण से सोचने और समझने में मदद करेगी।

लेखक: रॉबर्ट कियोसाकी

रॉबर्ट कियोसाकी एक प्रसिद्ध उद्यमी, लेखक और व्याख्याता हैं। उन्होंने “रिच डैड पूअर डैड” के अलावा भी कई सफल किताबें लिखी हैं। उनके विचारों ने दुनियाभर में वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा दिया है और उन्होंने लाखों लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। कियोसाकी का काम सिर्फ धन कमाने के तरीके पर नहीं, बल्कि सोचने के तरीके पर भी जोर देता है।

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